OYO IPO Update: हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की स्टार्टअप कंपनी OYO का IPO को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. OYO का IPO इस साल मार्च में लॉन्च होने वाला था. लेकिन इसमें अब देर हो सकती है. SEBI ने कंपनी से कुछ नई डिटेल्स की मांग की है.
हॉस्पिटैलिटी टेक स्टार्ट-अप OYO के IPO में देरी हो सकती है. कंपनी शेयर बाजार में एंट्री के लिए प्लान पर काम कर रही है. लेकिन इसके IPO के आने में तीन महीने की देरी हो सकती है. बिजनेस टुडे में एक सूत्र के हवाले से छपी खबर के अनुसार, बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने OYO से इसके ड्राफ्ट रेड हियरिंग प्रॉस्पेक्ट्स में अतिरिक्त जानकारी देने के लिए कहा है. इसमें रिस्क फैक्टर्स, प्रदर्शन और वैल्यूएशन की जानकारी को अपडेट करने के लिए कहा गया है. इस वजह से मार्केट में लिस्ट होने के कंपनी के प्लान पर कुछ समय के लिए ब्रेक लग सकता है.
प्रारंभिक दस्तावेज के मुताबिक, ओयो का आईपीओ के जरिए 8430 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है. इसके तहत 7 हजार करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए जाएंगे. सेबी के पास दाखिल ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के मुताबिक 1430 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत जारी किए जाएंगे.
इस तरह 7000 करोड़ रुपये के फ्रेश इक्विट शेयर और 1430 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत जारी होंगे.
OYO ने कोटक महिंद्रा कैपिटल (Mahindra Capital), सिटीग्रुप (City Group), आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities), नोमुरा और बैंक ऑफ अमेरिका (Bank of America) को आईपीओ के लिए लीड बुक मैनेजर्स नियुक्त किया है.
ओयो ने सेबी के जमा किए दस्तावेजों में कहा है कि IPO से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल रीपेमेंट के लिए किया जाएगा. OYO ने अपनी सहायक कंपनियों से 2441 करोड़ रुपये का कर्ज लिया हुआ है. आईपीओ से होने वाली आमदनी से सबसे पहले इस कर्ज का भुगतान किया जाएगा. इसके अलावा IPO से जुटाए गए फंड में से 2,900 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी की तरक्की के लिए किया जाएगा.
बता दें कि कुछ समय पहले OYO की पैरेंट कंपनी ओरावेल स्टेस (Oravel Stays) के शेयरधारकों ने कंपनी के प्राइवेट लिमिटेड से पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदलने को मंजूरी दी थी. इससे पहले, ओरावेल स्टेस बोर्ड ने कंपनी के अथराइज्ड शेयर कैपिटल को 1.17 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 901 करोड़ रुपये करने को मंजूरी दी थी. इससे पहले ओरावेल स्टेज के बोर्ड ने कंपनी के ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल को 901 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.17 करोड़ रुपये किए जाने की मंजूरी दी थी.
OYO ने मुश्किल समय के बाद शुरू किया प्लान
COVID-19 महामारी के कारण दो वर्षों के मुश्किल समय के बाद कंपनी ने इस साल शेयर बाजार में लिस्टिंग के लिए अपने प्लान पर फिर से काम करना शुरू किया है. हाल ही में कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वित्तीय रिजल्ट की भी घोषणा की थी. इसमें FY23 के H1 में उसका राजस्व 24 प्रतिशत बढ़कर 2,905 करोड़ रुपये हुआ था. इस दौरान OYO ने अपने ग्रॉस बुकिंग वैल्यू (GBV) में 69 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की. GBV वह मंथली राजस्व है जो कंपनी प्रति होटल कमाती है.
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दूसरी तिमाही में OYO का प्रदर्शन
हालांकि, OYO ने FY23 की दूसरी तिमाही में 333 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा भी दर्ज किया था. OYO को रितेश अग्रवाल ने 2012 में लॉन्च किया था. ओयो को माइक्रोसॉफ्ट, सॉफ्टबैंक विजन फंड, लाइट्सपीड वेंचर पार्टनर्स, सिकोइया कैपिटल इंडिया और अन्य से समर्थन हासिल है.
कुछ समय पहले माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन ने ओयो कंपनी में निवेश किया था. माइक्रोसॉफ्ट ने ओयो में करीब 50 लाख डॉलर का निवेश किया था.
बता दें कि ओयो देश की सबसे बड़ी स्टार्टअप कंपनियों में से एक है. इसकी स्थापना साल 2013 में रितेश अग्रवाल ने की थी. यह दुनियाभर में कम बजट वाले होटल के लिए एग्रीगेटर का काम करती है. ओयो में जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प की 46 फीसदी हिस्सेदारी है.
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