Bihar News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों में गहराती दरार के संकेतों के बीच जनता दल (यूनाइटेड) प्रमुख के भाजपा के साथ गठबंधन में लौटने की संभावना जताई जा रही है. इसको लेकर बिहार से लेकर दिल्ली में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. अटकलें लगाई जा रही है कि 26 जनवरी के बाद बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा हो सकता है. दिल्ली में बीजेपी नेताओं की बैठक तो बिहार में राबड़ी आवास पर लालू प्रसाद यादव आरजेडी नेताओं के साथ चर्चा कर रहे हैं.
Bihar News जब से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की गई और इसपर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने अलग-अलग तरीके से प्रतिक्रिया दी, तभी से बिहार की राजनीति में अटकलों का दौर शुरू हो गया है. इस पूरे मामले को और हवा तब मिली जब आरजेडी सुप्रीम लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने तीन ट्वीट किए. हालांकि, रोहिणी आचार्य ने ये ट्वीट डिलीट कर दिए लेकिन इस पर शुरू हुआ हंगामा अभी तक जारी है.
शाह गठबंधन में वापसी के दे चुके हैं संकेत(Bihar News)
Bihar News: भाजपा नीतीश कुमार को अपने पाले में करने की इच्छुक दिख रही है. नीतीश कुमार सत्ता में बरकरार रहते हुए कभी भाजपा, तो कभी राजद-कांग्रेस-वाम गठबंधन में शामिल होते रहे हैं. खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में एक इंटरव्यू में नीतीश कुमार के भाजपा खेमे के साथ जुड़ने की संभावना के संकेत दिए थे.
जेडीयू अध्यक्ष की भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में वापसी की संभावना के बारे में पूछे जाने पर शाह ने कहा था कि अगर ऐसा कोई प्रस्ताव कभी आया तो पार्टी इस पर विचार करेगी. इससे पहले, शाह ने अक्सर कहते रहे थे कि देश के सत्तारूढ़ गठबंधन में कुमार की वापसी के लिए दरवाजे बंद हो गए हैं.
जेडीयू के नेता और राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मौजूदा राजनीतिक स्थिति को लेकर कहा है कि बिहार सरकार में सबकुछ ठीक है. आरजेडी के नेता शक्ति सिंह यादव ने भी यही दोहराते हुए कहा कि मौजूदा सरकार पूरे भरोसे पर काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी. बीजेपी नेता और सांसद गिरिराज सिंह ने ये कह दिया है कि नीतीश कुमार के लिए अब दरवाज़े बंद हैं लेकिन कई मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से ये कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार विधानसभा भंग कर सकते हैं.
पहले बैठक तो होने दीजिए
Bihar News: बिहार के राजनीतिक हालात पर पार्टी आलाकमान से चर्चा करने के लिए दिल्ली पहुंचे बिहार भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पत्रकारों द्वारा नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन में वापसी को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, “पहले बैठक तो होने दीजिए.
हालांकि, पत्रकारों द्वारा बार-बार पूछने पर भी दिल्ली में बैठक के एजेंडे को लेकर उन्होंने कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया और अचानक दिल्ली आने के सवालों को टालते हुए उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि कार्यक्रम था, उनका आना पहले से ही तय था. नीतीश कुमार के फिर से साथ आने पर उनका स्वागत करने को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सिर्फ इतना ही कहा कि पहले बैठक तो होने दीजिए.
तिवारी ने बताया कि कल कर्पूरी ठाकुर के बहाने बिहार की राजनीति के तीनों खेमों ने अपनी अपनी ताक़त का प्रदर्शन किया.
उन्होंने कहा, “यह माना जाता है कि बिहार के तीन में दो ख़ेमें जिधर रहते हैं बहुमत उधर ही रहता है. कल के तीनों कार्यक्रम की ताक़त से स्पष्ट हो गया है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन लोकसभा के चुनाव भाजपा के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को बिहार में ही पकड़ कर बांध देगा. इस प्रकार संविधान, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय विरोधी नरेंद्र मोदी का पुनः प्रधानमन्त्री बनने का सपने धूल धूसरित हो जायेगा. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के महागठबंधन की यह भूमिका इतिहास में दर्ज होगी.”
आरजेडी और जेडीयू के बीच तनातनी की ख़बरें पिछले काफ़ी समय से चल रही हैं. हालांकि, दोनों पार्टियां इन अटकलों को खारिज भी करती आई हैं.
लेकिन कर्पूरी ठाकुर की जन्मशती यानी 24 जनवरी को नीतीश कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान परिवारवाद पर निशाना साधा.
इस दौरान नीतीश कुमार ने ये कहा कि “कर्पूरी ठाकुर ने कभी अपने परिवार को आगे नहीं बढ़ाया. आजकल लोग अपने परिवार को बढ़ाते हैं. कर्पूरी ठाकुर के नहीं रहने के बाद उनके बेटे रामनाथ ठाकुर को हमने बनाया. हमने भी कर्पूरीजी से सीखकर परिवार में किसी को नहीं बढ़ाया. हम हमेशा दूसरे को बढ़ाते हैं.”
इससे पहले नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने पर एक ट्वीट किया, जिसमें पीएम मोदी का आभार जताया.
हालांकि, उनका ये ट्वीट चर्चा में आ गया. वजह थी, उन्होंने पहले जो ट्वीट किया उसमें पीएम मोदी को आभार नहीं व्यक्त किया था लेकिन उस ट्वीट को डिलीट कर के नीतीश ने नया ट्वीट किया और फिर पीएम को शुक्रिया कहा.
बीबीसी हिंदी ने इस बारे में कुछ वरिष्ठ पत्रकारों से भी सवाल किया था, कि क्या अब नीतीश कुमार का एनडीए के साथ जाना संभव है?
Bihar News: इस पर बिहार की राजनीति को करीब से देखने वाले सुरूर अहमद ने बीबीसी से कहा था, “नीतीश एनडीए में कहां जाएंगे अब? एनडीए का कोई स्कोप तो नहीं है, तो जाकर क्या करेंगे? बिहार में तो बीजेपी से आर-पार की लड़ाई है, ऐसे में बीजेपी के साथ वापस जाना तो पैर में हथौड़ा मारने जैसा होगा. वो कहीं के नहीं रह जाएंगे. हां, चुनाव बाद अगर कुछ हो जाए तो उसकी बात अलग है लेकिन चुनाव से पहले तो नीतीश का एनडीए में जाना संभव नहीं लग रहा है.”
लेकिन अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू की राजनीतिक संपादक निस्तुला हेब्बर का कहना था कि अगर इनको लगा कि कोई राजनीतिक मंशा पूरी होती है एनडीए में जाकर, तो वह कर भी सकते हैं. ऐसा भी माना जाता है की नीतीश कुमार कभी-कभी ऐसे संकेत इसलिए भी देते हैं ताकि उनके वर्तमान सहयोगी दल थोड़ा असुरक्षित महसूस करें.
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